Wednesday, August 12, 2009

नक़्श फ़रियादी है.....

नक़्श फ़रियादी है किसकी शोख़ी-ए-तहरीर का
काग़ज़ी है पैराहन हर पैकर-ए-तस्वीर का
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कावे-कावे सख़्तजानी हाय तन्हाई ना पूछ
सुबह करना शाम का लाना है जू-ए-शीर का
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जज़्बा-ए-बेइख़्तियार-ए-शौक़ देखा चाहिये
सीना-ए-शमशीर से बाहर है दम शमशीर का
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आगाही दाम-ए-शुनीदां जिस क़दर चाहे बिछाये
मुद्‍दआ अन्क़ा है अपने आलम-ए-तक़रीर का
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बस कि हूं ग़ालिब असीरी में भी आतिश ज़र-ए-पा
मू-ए-आतिश दीदा है हल्क़ा मेरी ज़ंजीर का
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नक़्श - copy/print, फ़रियाद - complaint, तहरीर - handwriting, काग़ज़ी - delicate, पैराहन - dress
पैकर - appearance, कावे-कावे - hardwork, सख़्तजानी - tough life, जू - canal, शीर -milk
जू-ए-शीर - to create a canal of milk, here it means to perform an impossible task
इख्तियार - authority, शमशीर - sword, आगाही - knowledge, दाम - trap, शुनीद - conversation
अन्क़ा - rare, आलम - Universe, तक़रीर - speech/discourse, असीरी - imprisonment
ज़र-ए-पा - under the feet, मू - hair, आतिश दीदा - roasted on fire, हल्क़ा - ring/circle

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